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Showing posts from September 17, 2017

स्कूल में कितने सुरक्षित हैं आप..

स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा का सवाल... सुरक्षा को लेकर जिम्मेदार कौन है... सरकार या अभिभावक        www.tanashahi.blogspot.com ......पिछले कई दिनों से लगातार दिंल्ली - एनसीआर समेत पूरे देश में बवाल मचा हुआ है . इसका मेन कारण यही है कि जो रयान स्कूल में बच्चे की हत्या की गई . इसके बाद से ही दिल्ली के ही टैगोर इंटरनेशनल स्कूल में  एक बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया. बच्चों के घर के माता- पिता भी यही मानते हैं कि घर के बाद उनके बच्चे अगर ज्यादा सुरक्षित हैं तो वह है स्कूल. हम आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले ही देश में एक- एक घटनाएं सामने आती रहती हैं.और आयी भी है कहीं पर तो स्कूल बस के चपेट में आने से बच्ची अपनी जान गँवा बैठती है.तो कहीं पर बच्चा  स्कूल के ही सीढ़ीयों पर गिरने से मरण को प्राप्त हो जाता है.. स्कूलों से जुड़ी ये सारी बातें हमको डराती है,चौंकाती है और निराश भी करती है.    https://tanashahi.blogspot.in/2017/09/blog-post_54.html स्कूलों के सुरक्षा को लेकर  कई सालों से सवाल उठ रहे हैं अभी  दिल्ली में कुछ दिनों के पहले ही स्कूल के ही परिसर में दो लड़कियों पर जबरदस्त प्रह

बेतुकेबाज बयानबाजी!

लगातार बढ़ रहे डीजल प्रेट्रोल के दामो ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री अल्फोंस कनन्नथानम ने अपने बयानबाजी से खुद ही अपने बातों का पलीता लगा कर रख दिया है. मुझे समझ में नही आता कि ये कैसी बयानबाजी है ऐसी बयानबाजी भी की जाती है क्या. पेट्रोल-डीजल खरीदने वाले लोग कोई भूखे रहने वाले नहीं हैं , वे कार और मोटरसाइकिलों से चलते हैं. और डीजल – पेट्रोल के बढ़े हुए दामों से चिंता करने की कोई बात नहीं है. https://tanashahi.blogspot.in/2017/09/blog-post_18.html तेल की कीमत बढ़ाने का फैसला सरकार ने जानबूझ कर लिया है. जो इससे  राजस्व मिलेगा उसका  उपयोग गरीबों के लिए आवास , शौचालय बनाने और बिजली पर खर्च किया जाता है. यह बात इसलिए लोगों के गले नहीं उतर रहा कि पहले ही सरकार ने अलग-अलग मदों में कई तरह के उपकर लगा कर पहले से  ही रखे हुए है. सबसे दिलचस्प बात यही है कि अल्फोंस ने इस बात को नजर-अंदाज किया और कहा  कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से वाहन चालकों पर कोई भी असर नहीं पड़ता.

एक रुपये का सिक्का हुआ बन्द

 यूपी के छोटे शहरों से लेकर बड़े शहरों में भी एक रुपये का छोटा सिक्का चलन से बाहर हो गया है. यूपी के तमाम जिले एसे हैं जहाँ पर तो एक रुपये के सिक्के पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. पर इस समस्या का बीड़ा उठाने वाला कोई नहीं है. पहले 25 पैसे पर सरकार ने रोक लगायी और फिर 50 पैसे का सिक्का बंद हुआ और अब 1 रूपये जैसा बड़ा सिक्का भी चलन से बाहर कर दिया है. न तो कोई दुकाननदार लेने को तैयार है न तो कोई ग्राहक . ग्राहक ले भी लेगा तो लेकर चलाने के लिए कहाँ जाएगा. https://tanashahi.blogspot.in/2017/09/rbi-1.html पर इतना जरुर है कि 1 रुपये के सिक्के का न चलना बहुत बड़ी समस्या है जिसका सुध लेने के लिए अभी तक शासन- प्रशासन की तरफ से कोई भी समाधान नहीं निकाला गया . हर एक के मम्मी - पापा अपने बच्चे को खुश रखने के लिए एक रुपये का सिक्का पकड़ा देते थें. पर अब सिक्के के न चलने के कारण दोनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

साफ - सफाई के नाम पर धन उगाही !

हमारे देश में स्वच्छता अभियान बहुत धूम धड़ाके के साथ चल रहा है. हाँ जरुर चल रहा है पर हकीकत में नहीं . बस केवल विज्ञापनों में चल रहा है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि आज तक हमने न तो कहीं पर कूड़ादान देखा न तो सफाई कर्मचारी. अगर आपको असली हिंदोस्तां देखना है तो गाँव की तरफ जाकर देख लीजिए जहाँ पर दुनिया बसती हैं. सिर्फ और सिर्फ गिने चुने शहरों में साफ - सफाई करवाने से हमारा देश साफ सुथरा नहीं हो जाएगा.जिस भारत को आज साफ करवाने का काम किया जा रहा है और साफ भी नहीं हो रहा है . मैं फिर कह रहा हूँ अगर असल सच्चाई देखना है तो गाँव की तरफ जाइए और देखिए कि कितना साफ हो रहा है गाँव . जब गाँव साफ होगा तभी हमारा देश साफ होगा.  और जब हमारे हुक्मरान साहब आएँगे तो उससे पहले गाँवो की सफाई चंद घंटों में करवा दी जाती है . पर इस समय गाँवो की हालात  साफ सफाई के मामले में खस्ता हाल है .                 कुछ समय पहले  भारत को सोने की चिड़िया  कहा जाने वाले देश का क्या नाम है मुझे तो नहीं पता और मैं ये भी नहीं जानता कि आपको पता होगा कि नहीं. हाँ हम इतना जरुर कह सकते हैं कि भारत अब सोने की चिड़िया