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Showing posts from 2017

रोहित सरदाना एक पत्रकार हैं..या कुछ और ?

आजकल सोशल मीडिया में रोहित सरादाना जी का नाम बहुचर्चित है..रोहित सरदाना  एक न्यूज एंकर और पत्रकार है...जी न्यूज को छोड़कर आज तक में शामिल हुए कुछ ही दिन हुआ...कि रोहित सरदाना को देशभक्ति और देशद्रोही वाले मुद्दे को लेकर काफी धमकियां मिल रही है...काफी लोग रोहित सरदाना के समर्थन में आ रहे हैं आना लाजमी भी है...मैं यू-ट्यूब पर एक वीडियो देख रहा था..उसमें एक शख्स है जो कि काफी लंबी-चौड़ी बाते कर रहा है..उसकी बातें सच है या नहीं..इसके बारे में मुझे तो नहीं पता...पर वो ये कह रहा है कि मैं रोहित सरदाना के घर का चौकीदार भी बन जाऊंगा..अगर जरूरत पड़ी तो... ठीक है कोई चौकीदार बने या कुछ बने उससे हमें लेना- देना कुछ नहीं है..पर इतना जरूर है कि सोशल मीडिया पर ही लोग अलग-अलग किस्म की बाते कर रहे हैं.. इंडिया टी.वी के पूर्व मैनेजिंग एडिटर अजीत अंजुम फेसबुक पर रोहित सरदाना के ऊपर खूब तंज कस रहे हैं.. उन्होने फेसबुक पर लिखा कि देश में आग लगी है और चैनल पर सन्नाटा है.क्यो? मैं रोहित के साथ हूं लेकिन चैनल क्यों नहीं? होना चाहिए न? पत्रकार अंजीत अंजुम के इस स्टेटमेंट से साफ होता है कि रोहित सरद

...जो इस जहां से चले गए उन्हें मिल रहा है आशियाना...

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में ऐसा घोटाला सामने आया जिससे लोगों के होश उड़ गए , मर चुके लोगों को प्रधान और सेक्रेटरी ने मिल कर आवास आवंटित किये उनके फर्जी खातों में मनरेगा का रुपया ट्रांसफर होता रहा इस तरह  पूरे प्रकरण में लाखों रुपयों का सरकारी धन लूट लिया गया , जिसको लेकर गांव के लोग जो पात्र है दर दर भटकने को मजबूर है---  गाँव के किसी को  भी शौचालय नहीं मिला है गाँव के हालात काफी गंभीर है -  गरीब महिलाएं आज भी शौच के लिए खेतों में जाने को मजबूर हैं. ग्राम पंचायत अरवा गजाधरपुर  में प्रधान और सेक्रेटरी ने मिल कर सरकारी धन का ऐसा बंदर बाँट किया कि इंसानियत भी शर्मसार हो गयी --  इलाके के रहने वाले मृतक लोगों का फर्जी खाता खोल कर उनको पहले तो इंदिरा आवास आवंटित किये गए , --- आवास के लिए आने वाला 70  हज़ार रुपया प्रति खाता ट्रांसफर हुआ इसके अलावा इन्ही खातों में गरीब मज़दूरों के लिए आने वाला रुपया मनरेगा का रुपया भी इन्हीं खातों में ट्रांसफर हुआ है.. जिस तरह तकरीबन लाखों  का खेल अफ़सर और नेताओं ने मिल कर डाला..-पात्र लोगों के खातों में से भी बैंक कर्मियों व अधिकारियों की मिलीभगत

साक्षी महराज ने दत्तकगांव की तकदीर बदल दी ?

प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश के अनुसार जिले के सांसद को प्रत्येक वर्ष एक गांव को गोद लेकर उसका विकास करना था... इसी क्रम में अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले उन्नाव के सांसद साक्षी महराज ने 2014 यानी कि आज से करीब साढ़े तीन साल पहले उन्नाव मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर दूरी पर टीकर गढ़ी नामक गांव को गोद लिया.... और बड़े बड़े वादे किए ...और बड़े बड़े सपने दिखाए गए.....गांव को गोद लिए हुए तीन साल बीत गए.. विकास का नामोनिशान मिट गया...औऱ गाँव अपनी बदहाली पर आज आंसू टपका रहा है.. ग्रामीणों का कहना है कि गांव को गोद लेकर सांसद जी ने विकास की गति रोक दी है....  ..उन्नाव जनपद का टीकर गढ़ी आदर्शगांव , आदर्शगांव सुनते ही आप के मन में एक शहर जैसे गाँव की परिकल्पना जरूर आ रही होगी.. लेकिन ऐसा कुछ भी नही है... दत्तकगाँव आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है... गांव की जनता को जो मूलभूत सुविधाएं बिजली पानी, सड़क, शौचालय मिलना चाहिए था... उन सुविधाओं से भी ये गांव पूरी तरह वंचित है... वजह सिर्फ एक बताया जाता है.... सांसद साक्षी महराज की अनदेखी का... साक्षी महराज को तो अपने विवादित बयान

..आखिरकार बीजेपी क्या है ??

आप पढ़ रहे हैं -  http://www.tanashahi.blogspot.com/ जहां तक मैं जानता हूं..बीजेपी एक भारतीय राजनीतिक दल है...छोटे से छोटा चुनाव लड़ती है.और बड़े से भी बड़ा चुनाव लड़ती है. आज हमारे देश के पीएम नरेन्द्र मोदी बीजेपी यानि भारतीय  जनता पार्टी से है..गुजरात और हिमाचल में चुनाव होने वाले हैं.. इस चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक पार्टियां खुद को जीतता हुआ साबित कर रही है.कोई कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दे रहा है तो कह रहा है कि हम देश से बीजेपी को खदेड़ देंगे . पर मुझे समझ में ये नही आता कि अभी हाल ही में यूपी में विधानसभा चुनाव हुए थे..जिसमें बीजेपी अकेले ही सभी पार्टियों पर हावी थी.भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए सभी राजनीतिक दल एक हों गए..कि बीजेपी को किसी भी कीमत पर जीतने न दिया जाए..   पर ऐसा हुआ नही . मोदी मैजिक के आगे कोई भी टिक नहीं  पाया जो भी आया. उसका सफाया हो गया..राहुल गांधी और अखिलेश यादव दोनो एक हो जाते हैं तब भी बीजेपी को असफल करने में असफल रहते हैं..403 में से 325 सीटें बीजेपी के पाले में आई.325 में से कुछ सहयोगी दल भी थे.. क्यों पड़े हो चक्कर में, कोई नहीं ह

भीख मांगना पेशा है या मजबूरी......

....समझ से बाहर है..कभी कभी इसे लोग मजबूरी में करते हैं और कितने लोंगो ने इसे पेशा बना रखा है बस अब कुछ नही करना है बस भीख ही मांगना है.. जो भिखारी मेरे सामने आता है मैं तो उसे कभी वापस नही करता चाहे वो जवान ही क्यूं न हो.. मुझे कबीर दास का दोहा याद आ जाता है.. मांगन मरन समान है मत कोई मांगो भीख....... मैं सोचता हूं कि वो आदमी तो अब मर चुका है .या खुद को मार लिया है तभी वो भीख मांग रहा है..जो आया मैंने तो उसे दे दिया ..पर एक हमारे दोस्त है.. उनके सामने एक भिखारिन आती है उन्होने पैसे नही दिये उस भिखारिन  से बोलते हैं कि चलो मेरे ऑफिस में झाड़ू-पोछा करो. तुम्हें 1500/ महीने देंगे तो उस भिखारिन ने काम करने से  साफ मना कर दिया कहा कि मैं तो हर रोज 1500 से 2000 कमा लेती हूं , मैं काम क्यों करुं... पर हाँ इतना जरुर है कि कुछ लोग मजबूरी में मांगते हैं..जिन्होने भीख मांगना अपना पेशा नही बनाया है वो काम न मिलने के कारण मांगते है और काम मिलते ही भीख मांगना छोड़ देते हैं.. पर अधिक से अधिक लोग भीख मांगने को अपना पेशा बना लिया है ..गांव देहात में तो कम है पर भीख मांगने का पेशा सबसे

जनता मूर्ख या नेता ?

  जनता मूर्ख या नेता अपने में ये बड़ा सवाल होता है...हम जनता मूर्ख है या फिर नेता..... हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि चुनाव आते हैं औऱ चले भी जाते हैं...ऐसा तो हर एक चुनाव में होता है पर आज तक एक बात समझ में नही आई कि चुनाव में मूर्ख कौन बनता है... सारे नेता अपनी अपनी रैलियां करते हैं सभी के रैली में जमकर भीड़ होती है..सभी के रैली में वही लोग आते हैं जो विपक्षी पार्टी की रैली में आये थे....मेरा कहने का मतलब है कि वही जनता आती है...चाहे वो पैसों के बल पर आये,चाहे वो और किसी के बल पर आये...पर आती तो वही जनता  ही है.. आप अपना जवाब कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं.... आपका अपना भाई   Naveen kr. Nandan Email- tanashahitakat@gmail.com

योगी राज या गुंडा राज

 ....अपने में बहुत बड़ा सवाल खड़ा करता है..इलाहाबाद की ख़बर से पूरे देश में सनसनी फैल चुकी है..सनसनी फैलना लाजमी भी है..योगी जी जब सीएम पद की शपथ लेते हैं तो तभी महज चंद घंटो के बाद ही एक बसपा नेता को गोली मारकर हत्या करवा दी जाती है..एक बार फिर इलाहाबाद से ऐसी ही घटना सामने आयी है कि दुबारा ही एक बसपा के नेता को ही निशाना बनाया जाता है ... और गोलियों से छलनी कर दर्दनाक मौत को अंजाम दिया जाता है..पर सवाल हमारी शासन-प्रशासन पर खड़ा होता है कि कब तक विपक्ष के नेताओं को गोलियों से भुना जाएगा...             https://tanashahi.blogspot.in/2017/09/blog-post_18.html कितने बड़े गुनाहगार हैं किसी राजनीतिक दल के नेता पर मृतक राजेश कुमार की पत्नी उनके बिजनेस पार्टनर पर आरोप लगा रही है और मुकदमा भी दायर किया है...पर किसी की भी कोई भी गलती हो क्या गोलियों से छलनी करना ही उनका ये मुख्य उद्देश्य होता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक.... नसभा चुनाव में बीएसपी उम्मीदवार रहे राजेश यादव की सोमवार देर रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस मामले में उनकी पत्नी मोनिका यादव ने उनके दोस्त एवं बिजनेस पार्टनर डॉक्टर मु

स्कूल में कितने सुरक्षित हैं आप..

स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा का सवाल... सुरक्षा को लेकर जिम्मेदार कौन है... सरकार या अभिभावक        www.tanashahi.blogspot.com ......पिछले कई दिनों से लगातार दिंल्ली - एनसीआर समेत पूरे देश में बवाल मचा हुआ है . इसका मेन कारण यही है कि जो रयान स्कूल में बच्चे की हत्या की गई . इसके बाद से ही दिल्ली के ही टैगोर इंटरनेशनल स्कूल में  एक बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया. बच्चों के घर के माता- पिता भी यही मानते हैं कि घर के बाद उनके बच्चे अगर ज्यादा सुरक्षित हैं तो वह है स्कूल. हम आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले ही देश में एक- एक घटनाएं सामने आती रहती हैं.और आयी भी है कहीं पर तो स्कूल बस के चपेट में आने से बच्ची अपनी जान गँवा बैठती है.तो कहीं पर बच्चा  स्कूल के ही सीढ़ीयों पर गिरने से मरण को प्राप्त हो जाता है.. स्कूलों से जुड़ी ये सारी बातें हमको डराती है,चौंकाती है और निराश भी करती है.    https://tanashahi.blogspot.in/2017/09/blog-post_54.html स्कूलों के सुरक्षा को लेकर  कई सालों से सवाल उठ रहे हैं अभी  दिल्ली में कुछ दिनों के पहले ही स्कूल के ही परिसर में दो लड़कियों पर जबरदस्त प्रह

बेतुकेबाज बयानबाजी!

लगातार बढ़ रहे डीजल प्रेट्रोल के दामो ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री अल्फोंस कनन्नथानम ने अपने बयानबाजी से खुद ही अपने बातों का पलीता लगा कर रख दिया है. मुझे समझ में नही आता कि ये कैसी बयानबाजी है ऐसी बयानबाजी भी की जाती है क्या. पेट्रोल-डीजल खरीदने वाले लोग कोई भूखे रहने वाले नहीं हैं , वे कार और मोटरसाइकिलों से चलते हैं. और डीजल – पेट्रोल के बढ़े हुए दामों से चिंता करने की कोई बात नहीं है. https://tanashahi.blogspot.in/2017/09/blog-post_18.html तेल की कीमत बढ़ाने का फैसला सरकार ने जानबूझ कर लिया है. जो इससे  राजस्व मिलेगा उसका  उपयोग गरीबों के लिए आवास , शौचालय बनाने और बिजली पर खर्च किया जाता है. यह बात इसलिए लोगों के गले नहीं उतर रहा कि पहले ही सरकार ने अलग-अलग मदों में कई तरह के उपकर लगा कर पहले से  ही रखे हुए है. सबसे दिलचस्प बात यही है कि अल्फोंस ने इस बात को नजर-अंदाज किया और कहा  कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से वाहन चालकों पर कोई भी असर नहीं पड़ता.

एक रुपये का सिक्का हुआ बन्द

 यूपी के छोटे शहरों से लेकर बड़े शहरों में भी एक रुपये का छोटा सिक्का चलन से बाहर हो गया है. यूपी के तमाम जिले एसे हैं जहाँ पर तो एक रुपये के सिक्के पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. पर इस समस्या का बीड़ा उठाने वाला कोई नहीं है. पहले 25 पैसे पर सरकार ने रोक लगायी और फिर 50 पैसे का सिक्का बंद हुआ और अब 1 रूपये जैसा बड़ा सिक्का भी चलन से बाहर कर दिया है. न तो कोई दुकाननदार लेने को तैयार है न तो कोई ग्राहक . ग्राहक ले भी लेगा तो लेकर चलाने के लिए कहाँ जाएगा. https://tanashahi.blogspot.in/2017/09/rbi-1.html पर इतना जरुर है कि 1 रुपये के सिक्के का न चलना बहुत बड़ी समस्या है जिसका सुध लेने के लिए अभी तक शासन- प्रशासन की तरफ से कोई भी समाधान नहीं निकाला गया . हर एक के मम्मी - पापा अपने बच्चे को खुश रखने के लिए एक रुपये का सिक्का पकड़ा देते थें. पर अब सिक्के के न चलने के कारण दोनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

साफ - सफाई के नाम पर धन उगाही !

हमारे देश में स्वच्छता अभियान बहुत धूम धड़ाके के साथ चल रहा है. हाँ जरुर चल रहा है पर हकीकत में नहीं . बस केवल विज्ञापनों में चल रहा है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि आज तक हमने न तो कहीं पर कूड़ादान देखा न तो सफाई कर्मचारी. अगर आपको असली हिंदोस्तां देखना है तो गाँव की तरफ जाकर देख लीजिए जहाँ पर दुनिया बसती हैं. सिर्फ और सिर्फ गिने चुने शहरों में साफ - सफाई करवाने से हमारा देश साफ सुथरा नहीं हो जाएगा.जिस भारत को आज साफ करवाने का काम किया जा रहा है और साफ भी नहीं हो रहा है . मैं फिर कह रहा हूँ अगर असल सच्चाई देखना है तो गाँव की तरफ जाइए और देखिए कि कितना साफ हो रहा है गाँव . जब गाँव साफ होगा तभी हमारा देश साफ होगा.  और जब हमारे हुक्मरान साहब आएँगे तो उससे पहले गाँवो की सफाई चंद घंटों में करवा दी जाती है . पर इस समय गाँवो की हालात  साफ सफाई के मामले में खस्ता हाल है .                 कुछ समय पहले  भारत को सोने की चिड़िया  कहा जाने वाले देश का क्या नाम है मुझे तो नहीं पता और मैं ये भी नहीं जानता कि आपको पता होगा कि नहीं. हाँ हम इतना जरुर कह सकते हैं कि भारत अब सोने की चिड़िया

RBI ने बंद किया 1 रुपये का सिक्का !

 RBI ने एक रुपये का सिक्का बंद कर दिया है। इस बात को आजकल हर किसी के मुँह से सुनने को मिल रही है। लेकिन अभी तक ये साफ नही हो पाया है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने वाकई ही इन सिक्को को चलन से बाहर कर दिया है या नहीं लेकिन अलीगढ़ के दुकानदारों ने तो 1  रुपये के छोटे सिक्के को चलन से बाहर कर दिया है। हमारे देश के प्रधानमंत्री जी तो अहमदाबाद से बाम्बे तक बुलेट ट्रेन चलाने का सपना तो काफी पहले से संजोये बैठे थे और उसका  जापान के पीएम शिंजो आबे के  साथ शिलान्यास भी कर दिया  है। बुलेट ट्रेन चलेगी या नहीं ये तो आने वाला समय ही बतायेगा लेकिन 1 रुपये के सिक्के को बंद कर दिया गया है इसकी खोज खबर लेने वाला कोई नहीं है ।  लगता तो ऐसा है कि राजा राज कर रहा है और प्रजा सुख   कर रही है।                      कैसे हुआ भारत में सिक्कों का अविष्कार और कैसे बढ़ गया चलन   हम आपको बता दें कि  19 अगस्त 1757  को ईस्ट इंडिया कंपनी ने कलकत्ता में एक रुपए का पहला सिक्का बनाया  भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा बनाए गए  सिक्के को बंगाल के मुगल प्रांत में चलाया गया था और यहीं से काफी प्रसिद्ध भी ह