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Showing posts from September 2, 2018

संजीवनी है दलितों के लिए आरक्षण

दलित एक्ट के खिलाफ सवर्णों ने आज यानि कि 6 सितंबर 2018 को भारत बंद बुलाया है... अब तक हमने सुना था कि सवर्ण समाज में जनरल कॉस्ट वाले ही आते हैं ... पर आज जिस हिसाब से भारत बंद बुलाया गया है, इससे साफ स्पष्ट हो जाता है कि सवर्ण समाज में ठाकुर, ब्राह्मण के साथ-साथ ओबीसी वर्ग की जातियां भी आती है... पूरे देश में बंद का खास असर तो नहीं दिख रहा है... पर कुछ गोदी मीडिया इसको बड़े स्तर पर आंदोलन बनाने की फिराक में हैं... शायद ऐसा करने से ऐसा कुछ होने वाला नहीं है... 2 अप्रैल 2018 को दलित समाज के लोगों ने भारत बंद बुलाया था ... उस भारत बंद का कुछ खास असर भी नहीं था.. पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटते हुए एससी-एसटी एक्ट को लागू कर दिया... यानि कि अगर गैर दलित जाति का व्यक्ति किसी भी दलित को परेशान करता है या परेशान करने की कोशिश करता है तो आरोपी को बिना किसी जांच के ही गिरफ्तार किया जा सकता है.... और कई मामले में ऐसे केस भी सामने आए हैं कितने केस सही साबित हुए और कितने केस गलत साबित हुए .... यानि कि कुछ लोग संविधान का गलत उपयोग करके कानून की धज्जियां उड़ाने में कोई कोर कसर नहीं

शहर से ज्यादा दिल्ली की लड़कियां माडर्न....

दिल्ली जैसे बड़े शहरों की लड़कियां खुद को माडर्न बताने से कतई बाज नहीं आती.... कुछ माडर्न लड़कियों का कहना है कि जो दिल्ली जैसे बड़े शहरों से ताल्लुकात नहीं रखता वो कतई माडर्न नहीं है... पर मुझे नहीं लगता है कि जो भी लोग इस तरह की बाते करते हैं वो माडर्न हैं... और मेरे समझ से उन लोगों के माडर्न होने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता ... आपने तमाम तरह की कहानियां पढ़ी सुनी और देखी भी होगी... कि वो लड़कियां जो एक छोटे से शहर से निकलती है या अपने उसी छोटे से शहर में रहकर कुछ न कुछ तरक्की कर लेती हैं जो कि शायद एक माडर्न लड़की सोच भी नहीं सकती..... एक छोटे शहर, गांव से निकलकर जो भी तरक्की करता है शायद उसके कितना माडर्न कोई होगा ऐसा मुझे कतई नहीं लगता.... यानि कि सबसे माडर्न वही है...