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Showing posts from June 9, 2019

हालात क्या-क्या नहीं करवाते... साहब

आजकल मैं तो बेरोजगार हूं।   वैसे भी तो कोई कामधंधा है नहीं। इधर-उधर घूमना-फिरना ज्यादा हो रहा है। कल शाम को मैंने अपने घर पर जरूरी काम के लिए एक दोस्त को बुलाया... और हम लोगों ने कहीं घूमने जाने का प्लान बनाया। पहले सोचा कि मेट्रो से चला जाए।   क्योंकि मेट्रो स्टेशन घर के पास में ही है। फिर सोचा ऑटो ले लेते हैं.. उसने बोला ऑटो से अच्छा तो कैब करते हैं तो फिर हम लोगों ने ऊबर कैब बुक किया। शाम का समय था, तो करीब 25 मिनट दिखा रहा था कि कैब 25 मिनट में आपके लोकेशन पर होगी। जैसे ही 15 मिनट रहा। तभी एक मोहतरमा की कॉल आती है। सर... मैं आपके लोकेशन पर ठीक 15 मिनट में पहुंच जाऊंगी। और हमारे पास ठीक 15 मिनट में कैब भी आ गई। गाड़ी नंबर देख हमने गेट तो खोला। और हम दोनों गाड़ी में पिछली सीट पर बैठ कर बातें रहे थे। तभी मेरी नजर ड्राइवर की हाथों पर पड़ी। देखा कि ड्राइवर के पास महज 3 ऊगुलियां है।   और सिर्फ 3 ऊगुलियों से गाड़ी चला रही है।   फिर हमारी बात ड्राइवर से हुई तो उसने बताया कि हालात सबकुछ करवा कर ही मानता है। इतना कहने के बाद उस महिला की आंखों में आंसू आ गए।   फिर तेजी-तेज

ये लोकतंत्र नहीं राजतंत्र है ?

हम लोकंतांत्रिक देश में देश में जी रहे हैं... हमारा संविधान हमें बोलने की आजादी देता है.... ये तो होती है रटी रटाई बातें...   शायद हमारे देश की सत्ता जो है वो अब लोकतांत्रिक ना होकर राजतांत्रिक हो गई है.... अगर राजतांत्रिक ना होती तो नेता का बेटा नेता होना मुश्किल था/ है और रहेगा.... यूपी के शामली में एक पत्रकार सज्जन को मारा पीटा जाता है.. और इंसानी मूत्र पिला दिया जाता है... और हमारी सरकार चुप चाप हाथ पर हाथ रखे बैठी हुई देख कर मजे लेती है.. हालांकि जब कुछ लोग इसका विरोध करते हैं तो एक आदेश आता है कि आरोपी को निलंबित कर देते हैं... और गोदी मीडिया ( LEFT & RIGHT ) बखूबी अपना धर्म निभाते हुए बड़ी ख़बर के तौर पर चलाती है... कि सरकार की तरफ से बड़ी कार्रवाई की गई है... हालांकि किसी चैनल में इतना दम नहीं है कि सरकार से सवाल कर सके.. उसके नुमाइंदे को कटघरे में खड़ा कर सके.... अगर अब भी आपको लगता है कि आप पत्रकार हैं और देश में FREEDOM OF SPEEECH है तो भूल जाइए... मेरी सलाह यही है कि आप भी किसी के दलाल बन जाइए और अपना जीवन यापन ठीक तरीके से कीजिए.. वरना.. मेरी तरह ना घर के होंगे ना