हमारा देश भारत एक लोकतांत्रिक देश है.. लोकतांत्रिक देश होने के कारण यहां पर जनता के द्वारा और जनता के लिए जनता ही अपना नेता चुनती है.. जनता के द्वारा और जनता के लिए ही जनता का नेता चुनने के लिए हमारे देश की राजनीतिक पार्टियां देश की जनता से अनेकों लुभावने वादे करती है.. अगर लोक-लुभावने वादे से काम नहीं चलता तो सत्ता पर काबिज होने के लिए राजनीतिक पार्टियां अपने ही प्रतिद्वंदी पार्टियों के साथ गठजोड़ यानि कि गठबंधन कर लेती है.. इससे तो लगता है कि देश में सत्ता से बढ़कर कुछ भी नहीं है... 12 जनवरी 2019 की कहानी तो आपको पता ही होगा कि मायावती और अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव के लिए गठजोड़ कर लिया है.. एक समय ऐसा था कि दोनों पार्टियां आपस में तू-तू.. मैं-मैं करती थी... और आज एक ही मंच पर बैठकर भाषण देते हैं... जो 3-4 महीनों में लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं... उसमें दोनों पार्टियां साथ चुनाव लड़ेंगी.... शायद आपको ये भी पता होगा कि सन् 2007 में मायावती ने अपने और अपने पार्टी के दम पर विधानसभा चुनाव में बंपर जीत यानि कि पूर्ण बहुमत से जीत हासिल की थी.... और वहीं 2012 में यूपी विधानसभा...