यूपी पुलिस तो एकदम से बेरहम पुलिस बन चुकी है.. चाहे बीजेपी के नेता कितने ही दावे क्यों न कर ले.... यूपी की पुलिस अब तो बेरहम है... बेरहम इसलिए है कि यूपी पुलिस को समझ नहीं आता कि आखिरकार किसको जेल में बंद करना है किसको गोली मारनी है... यूपी की राजधानी लखनऊ में यूपी पुलिस का असली चेहरा सामने आ गया..... योगी सरकार में पुलिस वालों को समझ नहीं आता कि अपराधी कौन है.. या फिर आम इंसान यानि कि शरीफ आदमी कौन है... बस इनको एनकाउंटर के नाम पर गोली मारनी है और उसको इतनी गोली मारो कि वो मर जाए... ऐसा ही कुछ हुआ न लखनऊ में..... एप्पल कंपनी के एरिया मैनेजर को अपराधी समझकर दो पुलिस वालों ने गोली मारकर हत्या कर दी.. आखिरकार इन पुलिसवालों को कब समझ में आएगा कि अपराधी कौन है.... जरा आप सोचिए कि विवेक तिवारी को गोली मारकर आरोपी सिपाही क्या सिद्ध करना चाहता था... अगर विवेक तिवारी अपने महिला सहकर्मी सना के साथ कार से जा रहा था... और आधी रात को किसी कारण कार नहीं रोका तो उसे मौत के घाट यूपी पुलिस उतार देती है... आखिरकार क्या मंसा है... इन पुलिस वालों की.... एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार सभी न्यूज चैनल...