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जवानों की शहादत के पीछे नेताओं का हाथ !


शहीद होते हमारे देश के जवान
नेता सेंकते हैं अपनी रोटियां
गृहमंत्री कर देते हैं निंदा
प्रधानसेवक कर देते हैं ट्वीट
टीवी एंकर स्टूडियों में करते हैं लड़ाई



हमारे देश के वीर जवान आए दिन आतंकवादियों का निशाना बनते हैं...और उन्हें हम शहीद का दर्जा दे देते हैं...
जब कोई भी वीर जवान शहीद होता है तो हम मीडिया वाले टी.वी चैनलों पर अखबारों में सुर्खियां बना देते हैं.. दो से तीन दिन तक ख़बरें भी चलती है.. स्टूडियों में एंकर लड़ाई तक करता है....पर लगता ऐसा है कि हमारा सिस्टम ऐसा ही बना दिया गया हैhttps://www.googleadservices.com/pagead/aclk?sa=L&ai=CcFlUSJWdWvnkNYqOuwTQyqmIAYuWi7hQrZbfq9UGw6z75sMKEAEgy4nWI2DlgoCApA6gAabyqMEDyAECqQJmNTzSYoxQPqgDAcgDyQSqBNcBT9DH98O18EDKGqOAAlEXTGQ5CBM2BVuWWuqJcv1U6Tfv88fx0WWzzRHgJAcPgHFeDpUtq_3V7-Uj8E1P8hm7E35k8oaKHlYESCsvdo-cTYftMzPwxoWz8IQoLH9oen4DlBOyUWBLYDUWS2JD-Ru-86sbk-wjJ-5jbQnDZS-khRPm8QFaaJKPRZjG2wL7_EpYNYXcFNcefdTo9JUGYC5iAZNmw6P0ts4023BuoRiTNe8fmTkKzDSN4FgWaxzReW6ic57qqHCPrcA1fXRBgOccvBLLA3Ww66ugBgKAB6S_8z-oB6a-G9gHAdIIBwiAQBABGADyCA1iaWRkZXItMTY3ODQ3sQk9iK6WIZRWNIAKBA&num=1&pr=6:2.89&cid=CAASEuRompjDhwwbu9oMLuEF-aanSg&sig=AOD64_2EyuxYIBdqhHSPT8FH-477mpzOtQ&client=ca-pub-6362111942204036&nm=6&nx=89&ny=206&mb=2&rvdt=0&bg=!5Oel5_9EH0vv7QYLFwcCAAAAhVIAAABSmQGuxyv4sLEcHq71BfsYMcfAmYMHrnfCwiZ0A5Jo0oo6p23LpAmZuXWE1Qn9WRmTLMklJPV5JBpL1OSadlR65wv31ocqHQBSTC9BHgXtLQUeeCiqijE8IVlWmvw4NHcdI6MRWgb26IRPMHEiT9b6KgWjSJN9No2PBo6qL_8Xvrr872QsmxuN1q1a80NPCQnnnP31ccx0o95zG9BDms7GFx8FO12sMBaq2fIEe6e7zabxoMZGkRfZgJdJY2U1ON5de9Wx3Lskm7DHJ5Jn5Ai7sBaEnmaJt82ISm48JezX2i12WVu-aM03X_J-bSsNhq6ZM0Hdi6jbujgjsyZZWRwzRRMbk3s3I3VtYiMg8yvZYt1mGBQRDB1vI_zC5duFdQ8JjjM6JyeU7txiLC9MaBiKyf-3WbCYEbuO4sqxq3AmseiGfYTUm5bXvydXigKvymBpWvpSGl8l9Ibt15plnI0TUUgu1Psip7h8MrMSuZ_fY39bnkY8VU-7cEy3YwdvympKcLq2CBjELX-A9b0bXx-iYVGw6-nUGZ5-Qj_zMgdyII8PP_STWELCBw7cm4aRFYtUzw&adurl=http://www.mi.com/in/redmi-note5/ कि जब कोई जवान शहीद होगा तो मीडिया में ख़बरें चल जाएंगी.. राजनीतिक दल के नेता शहीद के घर न जाकर सोशल मीडिया पर ही निंदा कर देंगे और करते भी हैं... हम शहीद के परिवार के साथ हैं.. उसके बाद मामला शांत हो जाता है.. यानि कि जस के तस ... किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगता कि इस समस्या का कोई समाधान निकाला जाए...
और अधिकतर होता तो यही है..1947 में भारत आजाद हुआ.. भारत को आजाद हुए 71 साल बीत गए.. पर हमारे देश के नेता इस समस्या का हल निकाले ही क्यों.. जिस दिन इसका हल निकल गया तो ठीक उसी दिन से इतनी दुकान बंद होने का खतरा इन्हें सताने लगेगा...
सबसे दिलचस्प बात ये है कि सेना में किसी राजनेता का बेटा नहीं जाता... लेकिन तब भी इनकों तो कुछ न कुछ समझ में आनी चाहिए कि देश का एक लाल नहीं खोता बल्कि कितने परिवार टूट कर खत्म हो जाते हैं... पत्नी बेचारी विधवा हो जाती है.. बेटी-बेटा बिना बाप के हो जाते हैं... किसी के आंखों का तारा खो जाता है तो किसी के बुढ़ापे की लकड़ी टूट जाती है..
देश की सीमा पर एक वीर  शहीद हो गया...
तिरंगे से लिपटकर लाश घर आ गई
राजनेताओं ने निंदा कर दी
लाश के पास रखा खत मां को दिख गया
मं अब शहादत को आंसुओं से धोना नहीं है
मेरी कसम है कि मां अब तुझे रोना नहीं है


पर सवाल तो उठना लाजमी ही है... कि क्या इसी खत को हर राजनेता चाहता है कि ऐसा ही हो...
खैर अंत में बात यहीं पर आकर खत्म हो जाती है कि इस समस्या का हल तो निकाला ही जा रहा है पर हल निकालने में तो समय लगेगा ही......
 (इस पोस्ट में लिखी गई बातें अगर किसी को ठेस पहुंचा रहीं है तो अभी संसोधन की गुंजाइस है)
... आप हमसे संपर्क कर सकते हैं
           

                                    



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Comments

  1. जय मां हाटेशवरी.......
    आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
    आप की इस रचना का लिंक भी......
    19/02/2019 को......
    [पांच लिंकों का आनंद] ब्लौग पर.....
    शामिल किया गया है.....
    आप भी इस हलचल में......
    सादर आमंत्रित है......
    अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
    https://www.halchalwith5links.blogspot.com
    धन्यवाद

    ReplyDelete

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