दिल्ली जैसे बड़े शहरों में हर रोज लोगों को किसी न किसी से प्यार होता है.... प्यार करना कोई गुनाह नहीं है... दुनिया में प्यार जैसा कुछ होता भी नहीं है... प्यार की कोई कीमत नहीं होती... प्यार जबरदस्ती नहीं होता... प्यार पैसों के बल पर नहीं खरीदा जा सकता... प्यार अनमोल है...
प्यार मां-बेटे में होता है, प्यार बाप-बेटी में होता है.. प्यार भाई- बहन में होता है... प्यार अनजाने लोगों से होता है... अगर ये मेरा ब्लॉग आप पढ़ रहे हैं तो प्यार हममें और आपमें भी हो सकता है.. हमारा और आपका प्यार आगे भी बढ़ सकता है....
आज मैंने सोचा ऑफिस से छुट्टी का दिन है और प्यार पर ही एक ब्लॉग लिखते हैं....
पेशे से पत्रकार होने के नाते एक दूसरे से मिलना जुलना लगा रहता है.. एक जगह से दूसरे जगह आना जाना भी लगा रहता है.... लोगों को अपने आखों के सामने बदलते हुए देखा है, कि समझ नहीं आता कि वो दिखावा प्यार के चक्कर मे दोस्तों को कहे तो कम खुद को भी भुला देते हैं... बस अपने फर्जी प्यार में लीन हो जाते हैं... और दिखावटी प्यार के चक्कर में अंधा पागल हो जाते हैं... और जब जिसको चाहता है वो मिल जाती है तो 2 से 4 दिन वाकई में बहुत प्यार करता है मगर 5वें दिन में वो प्यार छोड़कर किसी और चीज के चक्कर में पड़ जाता है... और वो हवसी होकर लड़की के साथ कर्मकांड यानि कि सेक्स करने का प्लान बनाने लगता है.. मगर बात यहीं भी नहीं खत्म होती है कि कर्मकांड करने के बाद उनका प्यार वैसे ही बरकरार रहेगा .....ये तो असंभव हो जाता है.... दिल्ली जैसे बड़े शहरों के बाहर हो सकता है कि लोग एक ही प्यार के पीछे दीवाना हुए हों और वही प्यार उनके पूरे जीवन भर चलता रहे... पर दिल्ली में ऐसा कतई नहीं है .... मैं तो कहता हूं कि दिल्ली में प्यार का मतलब कुछ और ही है.. दिल्ली में प्यार का मतलब होता है कि मतलब... और ये मतलब आपसे किसी भी तरह का हो सकता है चाहे वो सेक्स हो या फिर आपका रुपया....
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