लगातार बढ़ रहे डीजल प्रेट्रोल के दामो ने
केंद्रीय पर्यटन मंत्री अल्फोंस कनन्नथानम ने अपने बयानबाजी से खुद ही अपने बातों
का पलीता लगा कर रख दिया है. मुझे समझ में नही आता कि ये कैसी बयानबाजी है ऐसी
बयानबाजी भी की जाती है क्या.
पेट्रोल-डीजल खरीदने वाले लोग कोई भूखे रहने वाले
नहीं हैं, वे कार और मोटरसाइकिलों से चलते हैं. और डीजल – पेट्रोल के बढ़े हुए
दामों से चिंता करने की कोई बात नहीं है.
तेल की कीमत बढ़ाने का फैसला सरकार
ने जानबूझ कर लिया है. जो इससे राजस्व मिलेगा उसका उपयोग गरीबों के लिए आवास, शौचालय बनाने और बिजली पर खर्च किया जाता है. यह बात
इसलिए लोगों के गले नहीं उतर रहा कि पहले ही सरकार ने अलग-अलग मदों में कई तरह के
उपकर लगा कर पहले से ही रखे हुए
है.
सबसे दिलचस्प बात यही है कि
अल्फोंस ने इस बात को नजर-अंदाज किया और कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से वाहन चालकों पर
कोई भी असर नहीं पड़ता.
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